Chanakya Niti :10 बाते जो ज़िंदगी बदल देगी
Chanakya Niti
चाणक्य, जिनका असली नाम कौटिल्य था, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक थे। वे एक प्रमुख राजनीतिक विचारक, राजगुरु, और चाणक्य नीति के लेखक थे। उन्होंने ही भारत के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को मगध साम्राज्य की स्थापना करने में मदद की थी और उनके मार्गदर्शन से ही चंद्रगुप्त को मौर्य वंश का संस्थापक माना जाता है।
आएये Chanakya Niti ki 10 baten जानते है जो आपकी ज़िंदगी बदल देगी
समय का सही प्रबंधन (Chanakya Niti)
तुम समय को रोक नहीं सकते,
परंतु समय को बर्बाद न करना
सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है।
Chanakya Niti
तुम समय को रोक नहीं सकते,
परंतु समय को बर्बाद न करना
सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है।– आचार्य चाणक्य
(Chankya Niti )आचार्य कहते है की समय तुम्हारे हाथ में नहीं है ,तुम समय को ऱोक नहीं सकते हो लेकिन तुम समय का सदुपयोग कर सकते हो। मनुष्य के अपने हाथ में होता है समय को बर्बाद करना लेकिन इसे नियंत्रण करना भी वह स्वयं जानता है। समय का सदुपयोग अगर मनुष्य कर ले तो उसकी ज़िंदगी बदल जाएगी।
काम में ईमानदारी (Chanakya Niti)
जब आप किसी काम की शुरुआत करें,
तो असफलता से मत डरें और
उस काम को ना छोड़ें।
जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं
वो सबसे प्रसन्न होते हैं।
Chanakya Niti
जब आप किसी काम की शुरुआत करें,
तो असफलता से मत डरें और
उस काम को ना छोड़ें।
जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं
वो सबसे प्रसन्न होते हैं। – आचार्य चाणक्य
(Chankya Niti )आचार्य कहते है की जब हम कोई नए काम की शुरुआत करते हैं, तो सफलता और असफलता दोनों की संभावना होती है। असफलता से डरने की बजाय, हमें उसे एक मौका देना चाहिए और सीखने का अवसर देना चाहिए। समर्पण और मेहनत से हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।
असफलता के कारण हमें अपने काम को नहीं छोड़ना चाहिए और ईमानदारी से काम करने वाले व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं।
वर्तमान का महत्त्व (Chanakya Niti )
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,
ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए।
समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।
Chanakya Niti
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,
ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए।
समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं। – आचार्य चाणक्य
(Chankya Niti )आचार्य कहते है की हमारा वर्तमान ही हमारी सबसे महत्वपूर्ण स्थिति होती है, क्योंकि यही वह समय होता है जिस पर हमारा नियंत्रण होता है। भूतकाल में हो चुकी घटनाओं को हम नहीं बदल सकते और भविष्य के बारे में ज्यादा चिंता करना आपकी वर्तमान की खुशी को कम कर सकता है।समय का मूल्य समझते हुए, समझदार लोग वर्तमान को सकारात्मक तरीके से जीने की कोशिश करते हैं।
ढृढ़ संकल्प और भाग्य(Chanakya Niti )
भाग्य उनका साथ देता है,
जो हर संकट का सामना करके भी
अपने लक्ष्य के प्रति ढृढ़ रहते हैं।
Chanakya Niti
भाग्य उनका साथ देता है,
जो हर संकट का सामना करके भी
अपने लक्ष्य के प्रति द्रुढ़ रहते हैं। – आचार्य चाणक्य
(Chankya Niti )आचार्य कहते है भाग्य वास्तविकता में उन लोगों के साथ देता है जो हर संकटों और मुश्किलों का सामना करके भी हार नहीं मानते हैं और अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहते हैं। जीवन में आने वाली हर परिस्थिति को साहस और समर्पण से निभाया जाये तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, भले ही रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं।
आत्मा की पहचान (Chanakya Niti)
जो तुम मांगते हो उसके मिलते ही उसका मूल्य कम हो जाता है,
और फिर से कुछ मांगने की इच्छा जगती है,
इसलिए मांगने के बजाय उस खजाने की तरह बढ़ो
जो तुम्हारे भीतर छुपा है।
Chanakya Niti
जो तुम मांगते हो उसके मिलते ही उसका मूल्य कम हो जाता है,
और फिर से कुछ मांगने की इच्छा जगती है,
इसलिए मांगने के बजाय उस खजाने की तरह बढ़ो
जो तुम्हारे भीतर छुपा है। – आचार्य चाणक्य
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की जब हम किसी चीज़ की मांग करते हैं और उसे प्राप्त कर लेते हैं, तो उस चीज़ का मूल्य हमारे लिए कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप, हम फिर से और अधिक कुछ मांगने की इच्छा रखते हैं, क्योंकि हमने पहले वाले चाहिए हुए चीज़ के महत्व को कम कर दिया है।इसलिए हमें मांगने के बजाये हमें अपने आत्मा के खजाने को खोजने और उसे विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, जो हमारे अंदर हैं। इसका मतलब है कि हमें सिर्फ बाहरी संग्रहणों की ओर नहीं बल्कि अपनी आत्मा की पहचान और समृद्धि की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
संघर्ष: जीवन का मूल मंत्र (Chanakya Niti)
चींटी से मेहनत सीखो,
बगुले से तरकीब,
और मकड़ी से कारीगरी
और अपने विकास के लिए अंतिम समय तक
संघर्ष करो क्योंकि संघर्ष ही जीवन है।
Chanakya Niti
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत, तरकीब, कारीगरी, और संघर्ष ज़रूरी होते हैं। इसका अर्थ है कि हमें चींटी की मेहनत से प्रेरणा लेना चाहिए जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करती हैं , बगुले की तरह सहजता और बुद्धिमता से काम करना चाहिए, और मकड़ी की तरह निपुणता और कौशल का प्रयोग करके अपनी कारीगरी में माहिर होने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए और अपने काम के प्रति समर्पित रहने की आवशक्ता है , क्योंकि संघर्ष ही जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
कुशलता और लगन: सफलता की कुंजी
जो जिस कार्ये में कुशल हो
उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए। – आचार्य चाणक्य
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की जब किसी व्यक्ति को किसी काम में कुशलता होती है, तो वह उस काम को बहुत अच्छे से करता है। उन्हें उस काम की ज़्यादा समझ और विशेषज्ञता होती है जिससे वे उसे बेहतरीन तरीके से पूरा कर सकते हैं। ऐसे में व्यक्तियों को अपनी प्रकृति के अनुसार उन कार्यों में लगाना चाहिए जिनमें उनकी कुशलता है। इस का उदाहरण शिक्षा या करियर चुनाव में देखा जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष विषय में कुशल है, तो उसे उसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सलाह दी जा सकती है। इससे उन्हें अधिक आत्म-संतोष मिलता है और उनकी सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
शिक्षा और कमाई की सीमाएँ नहीं (Chanakya Niti)
किस उम्र तक पढ़ा जाए
और किस उम्र से कमाया जाए,
ये शौक नहीं बल्कि हालात तय करते हैं।
Chanakya Niti
किस उम्र तक पढ़ा जाए
और किस उम्र से कमाया जाए,
ये शौक नहीं बल्कि हालात तय करते हैं। – आचार्य चाणक्य
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की व्यक्ति के शिक्षा और करियर में प्रगति की दिशा हालातों और समस्याओं पर निर्भर होती है, न कि उनके इच्छाओं या शौकों पर। हालात ही तय करती है की किस उम्र तक पढ़ा जाये और यही हालत तय करती है किस उम्र से कमाया जाए।
एकाग्रता और परिश्रम: जीवन के सच्चे चमत्कार(Chanakya Niti)
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि, पछतावा अतीत बदल नहीं सकता, और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती, एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार करता है
Chanakya Niti
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि,
पछतावा अतीत बदल नहीं सकता,
और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती,
एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही
वास्तविक चमत्कार करता है। आचार्य चाणक्य
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की चिंता और फिक्र करना भविष्य की समस्याओं को हल नहीं कर सकता। हमें वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए और उसके साथ अपनी योजनाओं और काम पर केंद्रित होना चाहिए जो हम वर्तमान में कर रहे हैं। एकाग्रता और मेहनत से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार को संभावनाओं में बदल सकता है। जब हम अपने लक्ष्यों के प्रति ढृढ़ रहते हैं और निरंतर मेहनत करते हैं, तो सफलता प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
जीवन का मुखौटा: उम्र के चेहरे की कहानी(Chanakya Niti)
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है,
वह प्रकृति की देन है,
तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है,
लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है।
Chanakya Niti
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है,
वह प्रकृति की देन है,
तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है,
लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है। आचार्य चाणक्य
(Chankaya Niti )आचार्य कहते है की व्यक्ति की आयु के विभिन्न चरणों में उसके चेहरे में कैसे बदलाव होते हैं और इन चरणों का कैसा महत्व होता है।आयु के प्रारंभिक दशक में, व्यक्ति का चेहरा उसकी प्राकृतिकता को दर्शाता है। तीस वर्ष की आयु में, चेहरे में जीवन के उतार-चढ़ाव का प्रतीक दिखाई देता है। इस दौरान, व्यक्ति जीवन के चुनौतियों और स्थितियों का सामना करता है और उसके चेहरे पर उसके अनुभवों का प्रभाव दिखाई देता है।पच्चास वर्ष की आयु में, चेहरे में व्यक्ति की कमाई का परिणाम दिखाई देता है। इस उम्र में, उसकी मेहनत, प्रयास और संघर्ष से उसकी साफ़लता का पता चलता है और उसके चेहरे में उसकी झलक दिखती है।
This is an eye opener. All advices by Acharya is mind boggling.