(Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi)पंचतंत्र की कहानियाँ नैतिकता और सदाचार सिखाने का एक रोचक तरीका हैं। ये कहानियाँ पशु-चरित्रों के माध्यम से सरल और मनोरंजक तरीके से जीवन के व्यावहारिक पाठ सिखाती हैं, जैसे ज्ञान, समय का मूल्य और सही निर्णय लेना। ये कहानियाँ सदियों से बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत रही हैं। आइये आज हम एक ऐसे ही कहानी आप सब को बताते है जो सिखाती है कि बिना सोचे-समझे और गलत समय पर काम करने से नुकसान होता सकता है। संगीतमय गधे की पंचतंत्र कहानी Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi)

संगीतमय गधे की पंचतंत्र कहानी (Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi) pic : AI
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कहानी: संगीतमय गधे की पंचतंत्र कहानी (Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi)
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक धोबी रहता था। उसके पास एक गधा था, जिसका नाम उद्धट था। धोबी दिनभर गधे से कपड़ों के भारी गट्ठर नदी के किनारे और वापस घर ले जाने का काम करवाता था। लेकिन धोबी बहुत कंजूस और निर्दयी था। वह गधे को पर्याप्त भोजन नहीं देता था, जिसके कारण गधा बहुत कमजोर हो गया था।
रात को धोबी गधे को खुला छोड़ देता था ताकि वह पास के खेतों में चर सके। लेकिन उद्धट खेतों में चरने के बजाय, आसपास के खेतों में घुसकर सब्जियाँ खा लेता था। वह चुपके से खेतों में जाता और सुबह होने से पहले धोबी के घर लौट आता था।
एक रात, खेत में घूमते हुए उद्धट की मुलाकात एक सियार से हुई। दोनों जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए। सियार ने उद्धट को बताया, “चाचा, मुझे एक ऐसा खेत पता है जहाँ रसीले खीरे उगते हैं। वहाँ तुम्हें खूब खाना मिलेगा, और मुझे भी कुछ छोटे जानवर मिल सकते हैं। आज रात चलो, हम वहाँ दावत उड़ाएँगे!”
उस रात दोनों खेत में गए और खीरे खाकर पेट भर लिया। उद्धट बहुत खुश था। चाँदनी रात थी, ठंडी हवा चल रही थी, और पूरा माहौल बहुत सुहाना था। उद्धट ने सियार से कहा, “भतीजे, मैं आज बहुत खुश हूँ। यह चाँदनी रात और तुम्हारी दोस्ती ने मेरा दिल गदगद कर दिया। मैं गाना गाना चाहता हूँ!”
सियार घबरा गया और बोला, “चाचा, कृपया गाना मत गाओ! अगर तुमने गाना शुरू किया, तो किसान जाग जाएँगे और हम मुसीबत में पड़ जाएँगे।”
उद्धट ने नाराज़ होकर कहा, “तुम जंगली जानवर हो, तुम्हें संगीत की समझ कहाँ? मैं एक मधुर राग गाऊँगा। सुनो, कितना सुंदर होगा!” सियार समझ गया कि गधा नहीं मानेगा। उसने चतुराई से कहा, “ठीक है, चाचा। अगर तुम्हें गाना ही है, तो पहले मुझे खेत के बाहर जाने दो ताकि मैं किसानों पर नज़र रख सकूँ।”
सियार खेत से बाहर निकलकर छिप गया। फिर उद्धट ने चाँद की ओर मुँह उठाया और पूरी ताकत से रेंकना शुरू कर दिया।

ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ ढेंचूँ – ढेंचूँ
Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi
उसकी आवाज़ इतनी तेज थी कि आसपास के किसान जाग गए। चाँदनी रात में सब कुछ साफ दिख रहा था। किसानों ने देखा कि एक गधा उनके खेत में खड़ा है। गुस्से में उन्होंने लाठियाँ उठाईं और गधे की पिटाई कर दी। कुछ किसानों ने गधे के गले में एक लकड़ी का हल बाँध दिया ताकि वह फिर से खेत में न आए।

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लंगड़ाते हुए जब उद्धट खेत से बाहर निकला, तो सियार हँसते हुए पास आया और बोला, “वाह, चाचा! क्या शानदार प्रदर्शन था! देखो, किसानों ने तुम्हारे संगीत की तारीफ में तुम्हें यह हल का हार पहनाया है!”
उद्धट को अपनी गलती का एहसास हुआ। वह दर्द से कराहता हुआ घर लौट गया।
नैतिक शिक्षा (Panchtantra Story of Musical Donkey in Hindi)
हर काम का एक सही समय और स्थान होता है। बिना सोचे-समझे काम करने से नुकसान हो सकता है।
गधे की आवाज़ में जोश था, लेकिन समझ की कमी थी। और यही बात हमें भी सोचने पर मजबूर करती है—क्या हम अपने टैलेंट को सही जगह इस्तेमाल कर रहे हैं
Q: अगर आप गधे की जगह होते, तो क्या करते?
- गाते
- चुप रहते
- लोमड़ी की बात मान
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