बच्चों को अनुशासन सिखाने के 10 सरल तरीके (10 easy way to discipline your child)

बच्चों को अनुशासन सिखाने के 10 सरल तरीके

(10 easy way to discipline your child)

अनुशासन सिखाना बच्चों के विकास और उनके भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल उन्हें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाता है, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी, आत्म-नियंत्रण और आत्म-सम्मान भी देता है। हालांकि, अनुशासन सिखाने का तरीका सख्त या नकारात्मक नहीं होना चाहिए  बल्कि आपको उन्हें अच्छे से बर्ताव करना सिखाना होता है.

यदि आप भी अपने बच्‍चे को अनुशासन में रखना चाहते हैं, तो यहां बताए गए 10 तरीके आपके बहुत काम आ सकते हैं।

1. स्वयं अनुशासित बनें (Follow discipline yourself)

स्वयं अनुशासित बनें

10 easy way to discipline your child

बच्चों को अनुशासन सिखाने का पहला कदम यह है कि आप स्वयं एक अनुशासित जीवन जीएं। बच्चे आपके व्यवहार को देखकर सीखते हैं। यदि आप समय पर काम करते हैं, धैर्य रखते हैं, और अपने कामों को प्राथमिकता के अनुसार करते हैं, तो बच्चे भी आपकी आदतें अपनाएंगे।

मान लीजिए कि आप खुद सोकर लेट उठते हैं और बच्चे से जल्दी उठने के लिए कहते हैं, तो वे कभी भी आपकी बात नहीं मानेगा। इसलिए आप खुद भी अनुशासित बनें।

अपने बच्चों को सिखाने का सबसे सही तरीका है कि आप खुद उनके लिए प्रेरणास्रोत बनें क्योंकि बच्चे सबसे पहले अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं। उनके लिए पहली पाठशाला उनका परिवार ही होता है। इसलिए अपना व्यवहार वैसा न रखें जो, आप अपने बच्चों में नहीं देखना चाहते हैं। 

2. नियम और सीमाएं निर्धारित करें (Set rules and boundaries)

नियम और सीमाएं निर्धारित करें

(Set rules and boundaries)

बच्चों को नियम और सीमाएं समझाना बहुत जरूरी है। जब आप बच्चों के लिए नियम स्पष्ट रूप से तय करेंगे, तो बच्चे जानेंगे कि उनसे क्या अपेक्षा की जा रही है और वे भी वैसा ही करेंगे । उदाहरण के लिए, उन्हें बताएं कि पढ़ाई का समय, खेल का समय और सोने का समय क्या है।

बच्चो को नियम समझाये और उसके फायदे भी बताईये जैसे स्कूल से आने के बाद क्या करना है , स्क्रीन टाइम सेट करे , खेलने कब जाना है, कितनी देर खेलना है , पढाई कब करनी है ,कितने देर तक पढ़नी है , सोने का समय कब है इत्यादि और उन्हें समझाए की सफलता के लिए नियमित रहना बहुत जरुरी है।

3 .कुछ अच्छा करने पर शाबाशी दे (Give praise for doing something well)

कुछ अच्छा करने पर शाबाशी दे

Give praise for doing something well

जब आपका बच्चा सही काम करता है या अनुशासन का पालन करता है, तो उसे प्रोत्साहन शाबाशी देना न भूलें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अच्छे कामों को दोहराने के लिए प्रेरित होते हैं। छोटे पुरस्कार या तारीफें उन्हें बेहतर अनुशासन सिखाने में मदद करती हैं।

 जब आप उनका हौंसला बढ़ाते है तब उनको भी कुछ नया करने का साहस मिलता है जिसे वह हमेशा आगे बढ़ते रहें। कुछ नया करने पर भी एक माता-पिता बनकर नहीं उनके दोस्त बनकर उन्हें समझने की कोशिश करें और उनकी सरहाना करें। 

4 .संतुलित सजा और पुरस्कार दें (Provide balanced punishment and reward)

संतुलित सजा और पुरस्कार दें

Provide balanced punishment and reward

बच्चों को जीवन में सफल बनाने के लिए अनुशासन जरूरी है। अनुशासन में सजा और पुरस्कार दोनों का सही संतुलन होना चाहिए। यदि बच्चे कोई गलती करते हैं, तो उन्हें सजा देना आवश्यक हो सकता है, लेकिन वह सजा उचित होनी चाहिए। कठोर सजा बच्चों के मन में डर पैदा कर सकती है, जबकि हल्की सजा उन्हें अपनी गलती समझने और सुधारने का अवसर देती है।

मारपीट बच्चे की मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे बच्चा डरा और सहमा हुआ रहने लगता है। बच्चे में अनुशासन लाने के लिए उसे डराकर नहीं बल्कि प्यार से किसी भी कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करें और अच्छे काम करने पे उन्हें पुरस्करित करे।

5 . बच्चों की बात सुनें (Understand the importance of conversation)

बच्चों की बात सुनें

Understand the importance of conversation

बच्चों से खुलकर बात करें और उनकी भावनाओं को समझें। यदि वे कोई गलती करते हैं या अनुशासन का पालन नहीं करते हैं, तो गुस्सा करने की बजाय शांतिपूर्वक उनके साथ बैठें और समझाएं कि उनकी गलती क्या थी और इसका समाधान क्या हो सकता है।

बच्चों को समझें और उनकी बातों का ध्यान से सुनें। इससे बच्चे के मन की स्थिति की जानकरी मिलती है, जो उसके व्यवहार को तय करता है। बच्चों को सुनकर और समझकर उसमें अनुशासन लाने में मदद मिलती है।

इसलिए बच्चो की बात सुने और फिर कोई निर्णय ले।

6 . रोजमर्रा के कामों में अनुशासन सिखाएं (Teach discipline in everyday tasks)

रोजमर्रा के कामों में अनुशासन सिखाएं

Teach discipline in everyday tasks

अनुशासन सिर्फ पढ़ाई या घर के कामों तक सीमित नहीं है। आप बच्चों को रोजमर्रा के कामों में भी अनुशासन सिखा सकते हैं,बच्चो को कुछ कार्य देना आरंभ करें जैसे खाने के बाद प्लेट किचन में रखना, अपना बिस्तर लगाना और अपने जूते पॉलिश करना ,समय पर उठना, अपने खिलौनों को सही जगह पर रखना।

इससे बच्चे एक्टिव रहते हैं और उन्हें आत्मनिर्भरता बढ़ने लगती है। ऐसे में बच्चे खुद बढ़कर कार्य करने की कोशिश करने लगते है और आपकी मदद करने के लिए हाथ भी बढाने लगते है।

7. संयम और धैर्य रखें (Have patience and perseverance)

संयम और धैर्य रखें

Have patience and perseverance

अनुशासन सिखाने के दौरान संयम और धैर्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। बच्चे तुरंत बदलाव नहीं दिखाएंगे। आपको उनके साथ संयम बरतना होगा और लगातार उनका मार्गदर्शन करना होगा। यदि आप धैर्यवान रहेंगे, तो बच्चे अनुशासन को धीरे-धीरे आत्मसात करेंगे।

बच्चों को डराकर या गुस्सा करके जबरदस्ती कुछ सिखाने की कोशिश न करें। अगर आप इस तरह उन्हें कुछ करने के लिए मजबूर करेंगे तो इससे बच्चे में क्रोध की भावना उत्पन्न होगी। इसके साथ ही किसी काम को लेकर उनका उत्साह नहीं रहेगा। साथ ही वह आपकी बातों पर अमल नहीं करेंगे। वह इससे बचने के लिए बहाने बना सकते हैं।

8. तुलना से बचें (Avoid comparisons)

तुलना से बचें

Avoid comparisons

अन्य बच्चों के साथ अपने बच्चे की तुलना करना गलत है। हर बच्चा अलग होता है और उनकी क्षमताएं भी अलग होती हैं।  अगर आप के किसी दोस्त का बच्चा पढ़ाई, खेलकूद या किसी अन्य क्षेत्र में कुछ खास कर रहा है तो आप भी चाहने लगते हैं कि आपका भी बच्चा ऐसा ही करे। जब वह आपके द्वारा जबरन दिए गए काम को नहीं कर पाता तो आपको लगने लगता है कि आप का बच्चा तो कुछ कर ही नहीं सकता है।

आप उनकी खुद की प्रगति और अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें प्रोत्साहित करें ना की दूसरो से तुलना करे।

9. उम्र के अनुसार अनुशासन सिखाएं (Teach discipline according to age)

उम्र के अनुसार अनुशासन सिखाएं

Teach discipline according to age

बच्चों की उम्र और समझ के अनुसार अनुशासन सिखाना चाहिए। जब बच्चा स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाये, तो उसे अनुशासन सिखाना शुरू करें। इस वक़्त तक बच्चे का दिमाग काफ़ी विकसित हो जाता है और वो चीज़ें सीखने में सक्षम हो जाता है. उन्हें ग़लत करने के परिणाम भी समझ आने लगते हैं

इस वक़्त आपको उन्हें अपनी गलतियों से खुद सीखने का मौका भी देना चाहिए. यदि बच्चा गिर जाता है और उसे चोट लगती है, तो उसे समझ आ जाता है कि ऐसा करने से उसे दर्द हो सकता है .

बच्चा अपनी उम्र के हिसाब से चीज़ों को समझने लगता है, उससे पहले आपको उसे बच्चा ही रहने देना चाहिए। आप एकदम से उसे सबकुछ नहीं सिखा सकते।

10. समानता का पालन करें (Follow the similarity)

घर में सभी बच्चों के लिए समान नियम लागू करें। यदि आप किसी बच्चे के लिए नियमों में बदलाव करते हैं, तो दूसरे बच्चे इसे अनुचित मान सकते हैं। इससे उनके मन में असमानता और नाराजगी पैदा हो सकती है, जो अनुशासन सिखाने में बाधा बनती है।

इसलिए हर बच्चे का एक जैसा नियम होना चाहिए और अगर किसी एक के नियम में कुछ बदलाव करना हो तो अगले की भी करनी चाहिए। इसे हमेशा समानता बना रहेगा और बच्चे भी अनुशासन का अच्छे से पालण करेंगे।

निष्कर्ष(conclusion):

बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है धैर्य, समझ और प्रेम। यदि आप अनुशासन को सकारात्मक और बेहतर तरीके से सिखाते हैं, तो बच्चे न केवल आपके बताए नियमों का पालन करेंगे बल्कि अपने जीवन में भी अनुशासन को अपनाएंगे। याद रखें, अनुशासन बच्चों की जिम्मेदारी और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है, जिससे उनका सम्पूर्ण विकास होता है.

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